आओ
फिर से मुठ्ठी बांधे….
आओ
फिर से खेल खेले….!!!
कभी
राजा निकाले…
कभी
फ़कीर निकाले…!!!
कभी
वादें निकाले….
कभी
यादें निकाले….!!!
कभी
नींदें निकाले….
कभी
रातें निकाले….!!!
कभी
चोर निकाले….
कभी
सिपाही निकाले…!!!
कभी
सन्डे निकाले…
कभी
हॉलिडे निकाले….!!!
आओ
फिर से उंगलियाँ बांधे….
आओ
फिर से खेल खेले….!!!
©कॉपीराईट – खामोशियाँ – २०१४ – २७/नवम्बर/२०१४
आपकी लिखी रचना शनिवार 29 नवम्बर 2014 को लिंक की जाएगी……….. http://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ….धन्यवाद!