दिन बढ़े…वक़्त चले…
साल बदले…रोज़ खड़े….
कुछ दांव जीते…कुछ फैसले हारे….
नयी चुनौतियाँ लिए मझधार मारे….!!!
नयी रफ्तार….नया उपचार…
नयी चेतना….नया विचार….
जोश से प्रफुल्लित हैं सारे पतवार…
रणबेरी थामे बैठे विजय की हुंकार…!!!
हर पल….हर क्षण….
हर बल….हर रूप…..
जन्मदिन की शुभकामनाएँ भी हम ऐसी सुनाते….
ज़िंदगी की लत लग जाये बस ऐसी जाल बनाते….!!!
चलो लोगो के लहजे मे अंग्रेजी मे भी बोल देते हैं हॅप्पी बर्थड़े तो डियर विशाल
©खामोशियाँ-२०१४
बहुत सुन्दर प्रस्तुति…!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (12-02-2014) को "गाँडीव पड़ा लाचार " (चर्चा मंच-1521) पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर…!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
जन्मदिन की शुभकामनाएँ
सबसे पहले ढेर सारी बधाई विशाल जी को और फिर आपको बेह्द भावपूर्ण अभिव्यक्ती देने के लिए
सादर
अनुराग