बेमानी सी दुनिया…..
……पुरानी सी दुनिया
बदल गए सब……..
……वीरानी सी दुनिया
आए तो बताए……..
……शयानी सी दुनिया
मिलने को बुलाये……
…….सुहानी सी दुनिया
आदाब से सुनाये…….
……..कहानी सी दुनिया
किरदार को उलझाए…..
……..आसानी सी दुनिया
अजब ही हँसाए……….
………रूमानी सी दुनिया
बेमानी सी दुनिया…..
……पुरानी सी दुनिया
©खामोशियाँ
सुन्दर प्रस्तुति ….!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (12-10-2013) को "उठो नव निर्माण करो" (चर्चा मंचःअंक-1396) पर भी होगी!
शारदेय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर…!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
डॉ साहब आभार आपका…..!!!
कल 20/10/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद!
बेहद उम्दा प्रस्तुति |
आपका ब्लॉग फॉलो कर लिया है | आप भी आइये, कीजिये:- "झारखण्ड की सैर"
बेहतरीन अभिवयक्ति…..