नज़्म कार्बन January 3, 2016 एक कार्बन रखकरएहसासों को गाढ़ा कर, कुछ सफ़ेद पन्ने पेउभरेंगी तारीखें। नज़र का टीका करके गोला मार देना। आजकल जमाना खराब है। – मिश्रा राहुल Share this:FacebookTwitterWhatsAppPinterestPrint Related
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, सियाचिन के परमवीर – नायब सूबेदार बाना सिंह – ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है … सादर आभार !
जय मां हाटेशवरी…
आपने लिखा…
कुछ लोगों ने ही पढ़ा…
हम चाहते हैं कि इसे सभी पढ़ें…
इस लिये दिनांक 04/01/2016 को आप की इस रचना का लिंक होगा…
चर्चा मंच[कुलदीप ठाकुर द्वारा प्रस्तुत चर्चा] पर…
आप भी आयेगा….
धन्यवाद…
सातवीें पंक्ति में तारीखें कर लें ..
बहुत सुन्दर रचना
..नव वर्ष की हार्दिक मंगलकामनाएं!