आओ चलके एक उजाला खोजे,
फिर से जीने का मसाला खाजे।
हाथ दे कर थाम भी ले ज़िंदगी,
दुनिया घूम कर रखवाला खोजे।
टूट कर ऐसे ना बिखरती उम्मीदें,
ताउम्र हम ऐसा मतवाला खोजे।
बंद हो जाए कुछ किस्से अकेले,
चाभी भूलकर ऐसा ताला खोजे।
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©खामोशियाँ-२०१४//मिश्रा राहुल
(१३-अगस्त-२०१४)(डायरी के पन्नो से)
आशा भरी रचना