टूट जाए तो जता दीजिये,
रूठ जाए तो मना लीजिये।
यादों की बातें याद रहती,
भूल जाए तो सुना लीजिये।
वक़्त अजीब है बुरा नहीं,
लूट जाए तो चुरा लीजिये।
वादों की गठरी लादे बैठे,
फूट जाए तो उठा लीजिये।
दर्द में ऐसा हमदर्द खोजा,
छूट जाए तो बुला लीजिये।
©खामोशियाँ-२०१४//मिश्रा राहुल
(२६-सितंबर-२०१४)(डायरी के पन्नो से)
nice