गज़ल इंसान August 13, 2014 खुशी तोला है धंधा नहीं,इंसान भोला हैं अंधा नहीं। हर पहर रखते है साँचो में,ईमान शोला हैं बंधा नहीं। छुप ना सकता झूठ कभी,बेजान झोला हैं कंधा नहीं।_______________________©खामोशियाँ-२०१४//मिश्रा राहुल(डायरी के पन्नो मे)(१२-अगस्त-२०१४) Share this:FacebookTwitterWhatsAppPinterestPrint Related
बहुत सटीक..
बहुत खूब…
ब्लॉग के शीर्षक के साथ उद्धृत पंक्तियां बेहद शानदार हैं…