सेल-फोन बदलते ही
गृह-प्रवेश होता,
कुछ नए/पुराने कांटैक्ट* का….!!!
कुछ डिलीट** करते
कुछ संजो लेते….!!!
जीवन भी तो ऐसे ही
करवट लेता,
नए चेहरे के साथ…
नए रिश्तेदार….!!!
खामखा परेशान रहते,
ख्वाइशों की रंगीनीयों मे…
क्या फायदा,
ज़िंदगी बैकप*** नहीं बनाती..
नए सिरे से लिखती है फिरसे….!!
(contact* delete** backup***)
©खामोशियाँ-2014
Simple words with deep meaning…happy to read your poems..nice one……..:)