नज़्म सर्द हवाएँ November 22, 2014 अक्सरजब ये सर्द हवाएँ खुली खिड़की से आकरमेरे बाल सहलाती। तेरी यादफिर से दुगनी हो जाती। – मिश्रा राहुल
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